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Saturday 5 October 2019

जानिए उंगलियां चटकाने पर क्‍यों आती है आवाज़ | पढ़िए कितना खतरनाक हो सकता है अंगुलियां चटकाना

वैज्ञानिकों का ध्यान लोगों की सबसे अजीब आदतों में से एक पर है - उंगलिया चटकाने पर आवाज़ क्यों होती है?


अमरीका और फ्रांस के शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका कारण गणित के तीन समीकरणों की मदद से बताया जा सकता है. उनके मॉडल से ये साबित होता है कि ये आवाज़ हड्डियों के जोड़ में जो तरल पदार्थ होता है, उसमें बुलबुले फूटने की वजह से होती है.
हैरानी की बात ये है कि इस प्रक्रिया पर एक पूरी सदी तक बहस होती रही.
फ्रांस में विज्ञान के छात्र विनीत चंद्रन सुजा क्लास में अपनी उंगलिया चटका रहे थे जब उन्हें इसके बारे में पता लगाने का ख़्याल आया.
उन्होंने अपने अध्यापक डॉ अब्दुल बरकत के साथ गणितीय समीकरणों की एक सिरीज़ तैयार की जिसकी मदद से बताया जा सके कि उंगलियों और कलाई के जोड़ों को चटकाने पर आवाज़ क्यों और कैसे आती है.

फूटते हैं बुलबुले

उन्होंने बीबीसी को बताया, "पहले समीकरण से पता चला कि जब हम अपनी उंगलियां चटकाते हैं, हमारी हड्डियों के जोड़ों में अलग-अलग दबाव होता है."
"दूसरे समीकरण से पता चलता है कि अलग दबाव से बुलबुलों का साइज़ भी अलग होता है."
"तीसरा समीकरण में हमने अलग-अलग साइज़ वाले बुलबुलों को, आवाज़ करने वाले बुलबुलों के साइज़ के साथ जोड़ा."
चंद्रन सुजा ने बताया कि इन सभी समीकरणों से एक पूरा गणित मॉडल बन गया जो उंगली चटकने की आवाज़ के बारे में बताता है. चंद्रन इस वक्त कैलिफोर्निया के स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय में पोस्टग्रेजुएशन कर रहे हैं.
जब हम अपनी उंगलियां चटकाते हैं तो हम अपने जोड़ों को खींच रहे होते हैं. और जब हम ऐसा करते हैं तो दबाव कम होता है. बुलबुले तरल के रूप में होते है जिसे साइनोवियल फ्लूड कहा जाता है. उंगलियां चटकाने की प्रक्रिया में जोड़ों का दबाव बदलता है और उससे बुलबुले भी तेज़ी से घटते-बढ़ते हैं और इसी से आवाज़ पैदा होती है.

विपरीत सिद्धांत

इस मॉडल से दो विपरीत थ्योरी यानी सिद्धांतों में एक संबंध बनता नज़र आता है. बुलबुले के फूटने से आवाज़ पैदा होती है, ये बात पहले 1971 में सामने आई थी.
लेकिन 40 साल बाद इसे नए प्रयोगों के बाद चुनौती दी गई जिसमें बताया गया कि बुलबुले उंगलियां चटकाने के काफी देर बाद भी फ्लयूड में बने रहते हैं.
इस नए मॉडल के बाद ये मुद्दा हल होता दिख रहा है क्योंकि इसके मुताबिक कुछ बुलबुलों के फूटने से ही आवाज़ पैदा होती है. इसलिए, उंगलियां चटकने के बाद भी छोटे बुलबुले तरल में बने रहते हैं.
इस स्टडी को सांइटिफिक रिपोर्ट्स जरनल में प्रकाशित किया गया है जिससे पता चलता है कि बुलबुले फूटने से जो दबाव पैदा होता है उससे वेव पैदा होती है जिसे गणित के समीकरणों से समझा जा सकता है और मापा जा सकता है.
इससे ये भी पता चलता है कि कुछ लोग अपनी उंगलियां क्यों नहीं चटका पाते हैं. अगर आपकी उंगलियों के टखनों की हड्डियों में ज्यादा जगह है तो दबाव उतना नहीं हो पाता कि आवाज़ पैदा करे.

अगर आप हाथ-पैर की अंगुलियां चटकाने के शौकीन हैं, तो सावधान हो जाइए। ये आदत आपको गठिया का शिकार बना सकती है। कनाडा के दो वैज्ञानिक ग्रैग ब्राउन व मिशेल मॉफिट ने अपनी किताब एसेपसाइंस में यह खुलासा किया है। किताब के अनुसार, हमारी हड्डियां लिगामेंट से एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं।
     
जब हम अंगुलियां चटकाते हैं, तो उस समय हम वास्तव में इन जोडमें को खींच रहे होते हैं। जोडमें के बार-बार खिंचाव से हड्डियों के बीच मौजूद द्रव कम हो सकता है और जोड़ पर मौजूद ऊतक नष्ट भी हो सकते हैं, जिससे गठिया हो सकती है। घुटने, कोहनी और अंगुलियों के जोड़ों में एक विशेष प्रकार का द्रव पाया जाता है,  जोड़ों पर दबाव के कम होने से इस विशेष प्रकार द्रव मंम मौजूद गैस जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड नए बने खाली स्थान को भरने का काम करती है। जब जोड़ों को अधिक खींचते हैं तो दबाव कम होने से यह बुलबुले फूट जाते हैं और हड्डी चटकने की आवाज आती है।

Friday 13 September 2019

बढ़ती उम्र (एजिंग) के लक्षण कम करने के उपाय | Aging ke lakshan kam karne ke upay in hindi

कुछ लोगों का मानना है कि बाल सफेद होना एजिंग का सबसे बड़ा लक्षण है जबकि कुछ लोग यह मानते हैं कि एजिंग का सबसे बड़ा लक्षण व्यक्ति के चेहरे पर दिखायी देता है। वास्तव में यह सच भी है, हमारे चेहरे की त्वचा बढ़ती उम्र के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। चेहरे पर फाइन लाइन्स और झुर्रियों से एजिंग को पहचाना जाता है। माना जाता है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं बढ़ती उम्र या एजिंग को छुपाने के लिए तरह तरह के तरीके अपनाती हैं। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि बढ़ती उम्र यानि एजिंग के लक्षण क्या होते है और एजिंग कम करने के घरेलू उपाय क्या हैं।

बढ़ते तनाव और गलत ईटिंग हैबिट्स की वजह से आजकल व्यक्ति उम्र से पहले ही बूढ़ा नजर आने लगता है। ऐसे में अगर आपकी उम्र 50 के आस-पास है तो आपको अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आइए आपको बताते हैं बढ़ती उम्र के साथ डाइट में वो कौन से 5 बदलाव हैं जिनकी मदद से आप कोई भी व्यक्ति एक स्वस्थ शरीर पा सकता है। 
कच्ची सब्जियां-
उम्र बढ़ने के साथ यदि आपके दांत गिरने लग गए हैं या फिर आपको दांतों में झनझनाहट महसूस होने के साथ सड़न की शिकायत हो रही है तो आपको कच्ची सब्जियों का सेवन करने से बचें। शरीर के लिए जरूरी विटामिन और फाइबर की मात्रा बनाए रखने के लिए हो सके तो इन सब्जियों को उबालकर पहले नरम कर लें। इसके अलावा गाजर, कद्दू जैसी कठोर सब्जियों का सेवन करने की जगह उनका सूप पीएं।
ग्रेप फ्रूट-
आपको जानकर हैरानी होगी कि विटामिन सी, पोटेशियम और स्वाद से भरा यह फल आपकी दवाईयों के असर को प्रभावित कर सकता हैं। यदि आप अगर कोई दवा ले रहे हैं तो इस फल का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। उदाहरण के लिए अगर आप हाई ब्लड प्रेशर, तनाव या इनसोमिनया की दवाई ले रहे हैं तो ग्रेपफ्रूट का जूस आपकी दवाओं के असर पर प्रभाव डालेगा। 
शराब-
बढ़ती उम्र के साथ शराब के सेवन को कम कर देना चाहिए। इसका अधिक सेवन करने से व्यक्ति को हार्ट अटैक, ब्लड़ प्रेशर और नींद से जुड़ी समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। कई बार तो शराब डायबिटीज से पीड़ित रोगी में हाइपोग्लिसमिया का भी कारण बन जाती है। ऐसे में कई बार शराब का सेवन करने से दवाओं का असर भी प्रभावित होता है। 
डेयरी उत्पाद-
बढ़ती उम्र में अक्सर व्यक्ति दूध या उससे बने अन्य डेयरी उत्पादों को पचा नहीं पाता है। ऐसे में शरीर में कैल्शियम और प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए आप इन डेयरी उत्पादों का कम मात्रा में सेवन कर सकते हैं। ऐसा करने से आपका पेट भी खराब नहीं होगा। 
ज्यादा नमक-
अगर आप उम्र के 50वें पड़ाव पर हैं तो आपको अपनी सेहत का ज्यादा ध्यान रखना होगा। डॉक्टर भी इस उम्र के लोगों को अक्सर यह सलाह देते हैं कि अपने आहार में सोडियम की मात्रा कम रखें। विशेषज्ञों के मुताबिक प्रति दिन व्यक्ति को 2,300 मिली ग्राम तक अपनी सोडियम की मात्रा को सीमित करना चाहिए। डाइट में सोडियम की मात्रा अधिक होने से ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ सकता है जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा देता है।

Fitness Facts In Hindi | एक्सरसाइज के बारे में कुछ जरुरी फैक्ट

एक्सरसाइज के बारे में कुछ जरुरी फैक्ट


हर कोई फिट रहना चाहता है। लेकिन कई बार गलत जानकारी होने या कही-सुनी बातों को मान लेने पर सेहत बिगड़ जाती है। एक्सरसाइज के मामले में भी ऐसा ही है। वर्कआउट और मोटापे से जुड़े छोटे-छोटे भ्रम नुकसान पहुंचा सकते हैं। 

भ्रम - 1. हर तरह की एक्सरसाइज करने से वजन घटता है।

अगर आप ऐसा सोचते हैं तो बिल्कुल गलत हैं। क्या आपने स्किनी फैट टर्म के बारे में सुना है? दरअसल शरीर में ये स्थिति तब बनती है जब फैट और दुबलापन एक ही समय में नजर आता है। जैसे कई लोगों में कमर, जांघ या बाहें शरीर की तुलना में ज्यादा ही फैटी दिखते हैं। ऐसी स्थिति कई बार कैलोरी की न्यूनतम मात्रा लेने, कार्डियो ज्यादा करने या बिना इंस्ट्रक्टर के एक्सरसाइज करने पर बनती है। इसलिए शरीर की जरूरत क्या है उसके अनुसार ही वर्कआउट करने चाहिए।

भ्रम :2 बिना दर्द वाले व्यायाम का फायदा नहीं होता है।

सच: एक्सरसाइज के दौरान आप दर्द महसूस कर रहे हैं तो मतलब ये नहीं कि आपकी मेहनत सफल हो रही है। एक्सरसाइज के समय धीरे-धीरे सांस लेना और छोड़ना या पसीना आना अच्छी बात है, लेकिन इस दौरान किसी अंग को स्ट्रेच या जोर लगाते हुए होने वाले दर्द पर जरूर ध्यान दें। एक हद तक आपका शरीर हर चीज को सह लेता है, लेकिन कभी भी एक्सरसाइज को जबरदस्ती न करें। दर्द से लगातार रहता है तो ट्रेनर से बात करें। 

भ्रम: 3. कार्बोहाइड्रेट नहींं, प्रोटीन सबसे ज्यादा जरूरी है।

सच: अगर आप मसल्स बनाना चाहते हैं तो शरीर में कार्बोहाइड्रेड होना बहुत जरूरी है। किसी भी काम या एक्सरसाइज को करने के लिए शरीर ताकत व एनर्जी इसी से पाता है। इसी से बॉडी के फैट को घटाकर मनचाहे रूप में लाया जा सकता है। ब्रेन पॉवर बढ़ाने में यह मदद करता है। इसे अधिक मात्रा में लेने से बचें। प्रोटीन मसल्स की ग्रोथ के लिए जरूर है। एक्सरसाइज के दौरान मसल्स को होने वाली क्षति की पूर्ति में प्रोटीन अहम रोल निभाता है।

1. एक्सरसाइज करने से आपकी दिमागी शक्ति बढ़ती है: 

एक्सरसाइज सिर्फ आपकी शारीरिक ताकत ही नहीं बढ़ाती है, बल्कि यह आपकी दिमागी शक्ति का भी विकास करती है। नियमित एक्सरसाइज करने से आपका ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और दिमाग में सेरोटोनिन नामक हॉर्मोन का उत्पादन भी बढ़ता है, जो आपकी दिमागी शक्ति के विकास के लिए जिम्मेदार होता है। जो लोग रोजाना एक्सरसाइज करते हैं, वह बाकी लोगों की अपेक्षा ज्यादा रचनात्मक होते हैं।
2. तनाव को दूर करता है: एक्सरसाइज करने से आपका तनाव का स्तर भी कम होता है। नियमित एक्सरसाइज करने से दिमाग ज्यादा सक्रिय रहता है और गैर-जरुरी विचारों की वजह से होने वाले तनाव से बचता है। साथ ही यह आपके मूड को भी ठीक रखता है। 
3. एक्सरसाइज करने से आप ज्यादा ऊर्जावान रहते हैं: रोजाना 30 मिनट के लिए की गई एक्सरसाइज आपको दिनभर ऊर्जावान रखती है और आपको थकान महसूस नहीं होती। यह आपके शरीर में एंडोर्फिन नामक हॉर्मोन बढ़ाता है, जो आपको ऊर्जावान रखने में मदद करता है।
4. बीमारियों से दूर रखता है: एक्सरसाइज करने की वजह से शरीर कई गंभीर बीमारियों से बचा रहता है। क्योंकि एक्सरसाइज आपके शरीर में रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुधारता है। जिस वजह से आप जल्दी-जल्दी बीमार नहीं पड़ते हैं और शारीरिक दर्द भी दूर होता है।
5. प्रदर्शन को बेहतर बनाता है: कुछ दिनों तक एक्सरसाइज करने से आपकी मसल्स टोंड होने लगती हैं। यह आपका शारीरिक लचीलापन बढ़ाता है और संपूर्ण स्वास्थ्य को भी सुधारता है। जब आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं, तो किसी भी कार्य में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं।

Monday 2 September 2019

Kesar ke Fayde : सेहत के साथ चेहरे की खूबसूरती निखारने में अचूक है केसर, जानें इस्तेमाल का तरीका


केसर के फायदे और नुकसान - Kesar Ke Fayde Or Nuksan In Hindi


Kesar ke Fayde : केसर के फायदे (Kesar ke Fayde) अनगिनत होते हैं। केसर के फायदे (Saffron Benefits) खूबसूरती और त्वचा की रंगत निखारने के साथ-साथ खाने का स्वाद और रंगत बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। केसर को मसालों का राजा भी कहा जाता है। इसे सैफ्रॉन (Saffron) या जाफरान (Jaafraan) के नाम से भी जाना जाता है। केसर में डेढ़ सौ से भी ज्यादा ऐसे औषधीय तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को पूर्ण रुप से स्वस्थ रखने में सहायक होती है। जम्मू-कश्मीर में अक्टूबर से फरवरी के बीच बड़ी मात्रा में केसर को उगाया जाता है। आइए जानते हैं केसर के फायदे, केसर के नुकसान और केसर के पौषक तत्व, केसर का सेवन करना बता रहे हैं।

केसर दुनिया के सबसे महंगे मसालों में से एक है। इसे सैफ्रॉन (Saffron) या फिर जाफरान के नाम से भी जाना जाता है। लाल और सुनहरे रंग के इस मसाले की खेती स्पेन, इटली, ग्रीस, तुर्किस्तान, ईरान, चीन और भारत में होती है। भारत में केवल जम्मू (किस्तवार) और कश्मीर (पामपुर) के सीमित क्षेत्रों में ही इसकी पैदावार होती है। केसर यहां के लोगों के लिए वरदान है, क्योंकि इसके फूलों से निकाली जाने वाली केसर की कीमत बाज़ार में तीन से साढ़े तीन लाख रुपए प्रति किलो है। यहां की केसर हल्की, पतली, लाल रंग वाली, कमल की तरह सुन्दर और बेहद खुशबूदार होती है।

याददाश्त के लिए - Saffron For Memory Power


केसर याददाश्त दुरुस्त रखने के लिए काफी असरकारक होती है, क्योंकि ये हमारे मस्तिष्क यानि दिमाग को बल देती है। ये न सिर्फ हमारे सीखने और याद करने की क्षमता को बढ़ाती है बल्कि बढ़ती उम्र के साथ होने वाले अल्ज़ाइमर और स्मरण शक्ति की अन्य बीमारियों से भी दूर रखती है। याददाश्त बढ़ाने के लिए रोज़ाना केसर वाला दूध या फिर चाय जिसे कश्मीरी कहवा भी कहा जाता है, पी सकते हैं। केसर में मौजूद क्रोसिन और एथनॉलिक मूड को काफी हद तक ठीक रखने में मदद होते हैं और यह शीज़ोफ्रेनिया से ग्रसित मरीजों के इलाज में भी काफी फायदेमंद साबित होती है।

पाचन के लिए - Digestion System

केसर हमारी पाचन शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करती है। ये पेट में होने वाली गैस और एसिडिटी के उपचार में भी फायदा पहुंचाती है। यह पेट में दर्द और अल्सर आदि बीमारियों को दूर कर हमारे शरीर को रोग मुक्त बनाती है। पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए रोज़ सुबह एक कप केसर की चाय पिएं।

अस्थमा में फायदेमंद - Good For Asthma

पुराने समय से केसर का उपयोग अस्थमा के इलाज में भी किया जाता है। ये अस्थमा के रोगी को स्वस्थ रूप से सांस लेने में मदद करती है। बदलते मौसम में अस्थमा की बीमारी से पीड़ित लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में केसर वाला दूध पीने से अस्थमा की समस्या धीरे- धीरे कम होने लगती है। ये फेफड़ों में सूजन और जलन को कम करती है। साथ ही हवा को फेफड़ों में अच्छे से पास होने में मदद करती है। आयुर्वेद में भी अस्थमा के इलाज में केसर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। अस्थमा अटैक होने की आशंका को दूर करने के लिए केसर की चाय पिएं।  हालांकि अस्थमा के इलाज में इसके प्रभाव सीमित हैं इसलिए डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

नींद न आने की शिकायत को दूर करे - Helpful In Insomnia

आजकल की लाइफस्टाइल में नींद न आने की समस्या लोगों में बढ़ती जा रही है। रात- रात भर स्मार्टफोन का  इस्तेमाल और काम का तनाव नींद में सबसे बड़ी बाधा बनते हैं। ज्यादातर युवा तो सुबह के 4-5 बजे तक मोबाइल में या तो गेम्स खेलते रहते हैं या फिर वीडियोज़ देखते रहते हैं। ये सभी नींद न आने का सबसे बड़ा करण बनते हैं। केसर अनिद्रा यानि नींद न आने की शिकायत को भी दूर करती है। दरअसल, केसर इंसोम्निया और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद साबित होती है। केसर में पाया जाने वाला क्रोसिन आंखों की नॉन-रैपिड गति को कम करता है और अच्छी नींद लाने में मदद करता है। इससे अनिद्रा से जूझ रहे लोगों को काफी फायदा होता है और नींद न आने की वजह से होने वाली कई बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। इसके लिए रोज़ रात को सोने से पहले एक ग्लास गर्म दूध में चुटकी भर केसर मिलाकर 5 मिनट के लिए रख दें। उसके बाद दूध पी लें। आप चाहें तो इसमें मिठास लाने के लिए शहद भी डाल सकते हैं।

कैंसर के लिए - Cancer

केसर में कैंसर जैसी घातक बीमारी के बचाव के गुण भी पाए जाते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक केसर कैंसर के खतरे को रोकने में काफी सहायक है। केसर में मौजूद क्रोसिन कैंसर सेल को बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा यह ब्रेस्ट कैंसर, स्किन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर से भी हमारी सुरक्षा करती है। साथ ही ये ल्यूकेमिया यानि ब्लड कैंसर के खतरे को भी कम करती है। इसका नियमित सेवन ट्यूमर के विकास को रोकने में मददगार साबित होती है

प्रेगनेंसी में असरकारक - Saffron For Pregnancy
वैसे तो प्रेगनेंसी के दौरान केसर का उपयोग कम से कम करने की सलाह दी जाती है, लेकिन कुछ मामलों में इसका थोड़ा सेवन किया जा सकता है। प्रेगनेंट महिला को पेट में गैस और सूजन होना आम बात है। केसर प्रेगनेंसी के दौरान पेट में होने वाली ऐंठन, गैस और सूजन को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा किसी भी तरह की चिंता और डिप्रेशन को भी दूर करती है। केसर वाला दूध पीने से ये सभी समस्याएं खत्म होती हैं।



जब एक महिला प्रेगनेंट होती है, तो उस दौरान उसे काफी मूड स्विंग्स से होकर भी गुज़रना पड़ता है। इसी का परिणाम है चिंता और डिप्रेशन। गर्भावस्था में थोड़ी मात्रा में केसर का सेवन करना लाभदायक होता है, क्योंकि केसर एक एंटी- डिप्रेशन के रूप में भी काम करती है। मगर ध्यान रहे, प्रेगनेंसी के समय इसका अधिक सेवन कतई न करें। इसका दूध बनाने के लिए 1 केसर के रेशे को गर्म दूध के साथ ले सकते हैं। यदि आप दूध नहीं पी पाती हैं, तो आप इसे किसी सूप या गर्म पानी में डालकर ले सकती हैं। हालांकि बेहतर होगा कि इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह ज़रूर ले लें।

त्वचा की रौनक बढ़ाने के लिए - Good for Skin


केसर सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं बल्कि त्वचा में रौनक के लाने के लिए भी फायदेमंद होती है। केसर से बने फेस पैक त्‍वचा का सांवलापन दूर कर उसमें निखार लाते हैं। सर्दियों के मौसम में खासतौर पर त्वचा का ध्यान रखना ज़रूरी हो जाता है। इसके लिए दूध में केसर मिलाकर चेहरे पर लगाएं। ऐसा करने पर त्वचा में नमी बरकरार रहती है और रंग भी निखरता है। केसर का फेस पैक बनाने के लिए एक कटोरी में दूध और थोड़ा सा केसर डालकर रख दें। फिर थोड़ी देर बाद कॉटन की मदद से इसे चेहरे पर लगाएं। पैक सूख जाने के बाद इसे पानी से धो लें। बेहतर परिणामों के लिए इस फेस पैक को रोज़ाना या फिर कम से कम हफ्ते में दो बार लगा सकती हैं।
इसके अलावा त्वचा पर होने वाले दाग- धब्बे भी एक आम समस्या है। बेदाग चेहरा पाने के लिए केसर और पपीते से पैक बना सकते हैं। केसर में मौजूद प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एक्सफोलिएटिंग गुण प्रदूषण से होने वाले बैक्टीरिया को दूर कर त्वचा को बेदाग व चमकदार बनाते हैं। इसके अलावा पपीते में विटामिन सी और एंटीऑक्‍सीडेंट के गुण पाए जाते हैं जो त्‍वचा के लिये बहुत अच्‍छे होते हैं। इस पैक को बनाने के लिए पका पपीता लेकर उसे मिक्सी में पीस लें। फिर उसमें दूध, शहद और केसर मिला लें। इसको चेहरे पर 10-15 मिनट के लिये लगाकर ठंडे पानी से धो लें।

मुंहासे दूर करने के लिए - Get Rid Of Pimples


ऑयली त्वचा वालों की सबसे बड़ी समस्या होती है, उनके चेहरे पर निकलने वाले मुंहासे। केसर आपकी इस समस्या से निजात दिलाने में भी कारगर है। केसर और चंदन पाउडर से बने फेस पैक ऑयली स्किन वालों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।। इसके अलावा ये आपकी स्किन पर होने वाले सनटैन को दूर करने का भी काम करती है। इस पैक को बनाने के लिए आप एक कटोरी में थोड़ा सा दूध लेकर उसमें केसर के कुछ रेशे और आधा चम्‍मच चंदर पाउडर मिला लें। आप चाहें तो इसमें शहद भी मिला सकते हैं। फिर इस पैक को अपने चेहरे पर लगाकर 5 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर चेहरे को धो लें।

झुर्रियों को कम करने के लिए - Best Anti- Aging


केसर में मौजूद एंटी- ऑक्सीडेंट गुण आपकी स्किन पर उम्र से पहले आने वाली झुर्रियों को रोकते हैं। यदि शहद और बादाम में केसर मिलाकर लगाई जाए तो ये काफी हद तक एजिंग के निशानों को दूर कर सकती है। इसका पैक बनाने के लिए सबसे पहले रात भर बादाम को पानी में भिगोकर रख लीलिए। सुबह इन भीगे हुए बादामों का पेस्ट बना लीजिए। अब इस पेस्ट में शहद, नींबू का रस और गुनगुने पानी में भीगी हुई थोड़ी से केसर मिलाकर पैक तैयार कर लीजिए। इस पैक को चेहरे और गर्दन पर लगाएं व सूखने के बाद इसे पानी से धो लें। इस पैक को लगाने से कुछ दिन में ही झुर्रियों की समस्‍या कम होने लगेगी।
केसर के कुछ बहुत ही सामान्य साइड इफेक्ट्स में निम्नलिखित शामिल हैं:
1. विषाक्तता: केसर बड़े खुराकों में असुरक्षित है। यह विषाक्तता पैदा कर सकता है। यदि आप निम्न लक्षणों में से कोई भी ध्यान देते हैं, तो आपको तत्काल चिकित्सा ध्यान देना चाहिए:
- मल में खून
- लगातार उल्टी
- चक्कर आना
- मूत्र में रक्त
- पीलिया
अत्यधिक खुराक के कारण मृत्यु हो सकती भी है।
2. गर्भावस्था के दौरान अधिक सेवन नहीं करें: केसर का बड़ी मात्रा में सेवन गर्भाशय अनुबंध कर सकता है तत्था यह गर्भपात भी पैदा कर सकता है।
3. एलर्जी: लोगों को शुष्क मुंह, चिंता, चक्कर आना, उनींदापन, मतली, भूख में बदलाव, और सिरदर्द जैसी प्रतिक्रियाओं का अनुभव हो सकता है। हालांकि यह बहुत असामान्य है।
केसर का लाभ
केसर ज्यादातर खाद्य पदार्थों में उपयोग के लिए जाना जाता है। लेकिन इसमें बहुत महत्वपूर्ण पोषक तत्व और रासायनिक यौगिक हैं जो अनेक चिकित्सा लाभ प्रदान करते हैं, जैसे कि:
1. रोग प्रतिरक्षण: केसर में यौगिकों कूक्रोइन और कॉक्रेटिन होते हैं, जो सीखने, स्मृति प्रतिधारण, याद करने की क्षमता  बढ़ा देते है। वे बुखार, फ्लू और सर्दी से बचने के लिए फायदेमंद हैं। केसर ऑक्सीडेटिव तनाव से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को बचाता है और अल्जाइमर और पार्किंसंस से बचाता है।
2. यह अवसादरोधक औषधि है: केसर मे मौजूद त्त्व हमारे दिमाग़ मे रक्त का प्रवाह भदाते है और मनोदशा को सुधार्ता है।
3. एनीमिया से लड़ता है: केसर मे मौजूद लोह शरीर मे हीमोग्लोबिन बढ़ाता है।
4. पाचन गुण: केसर पाचन तंत्र मे रक्त का प्रवाह बढ़ाता है।
5. यह एक कामोत्तेजक है: केसर समय से पहले स्खलन, स्तंभन दोष, नपुंसकता को ठीक करने में मदद करता है इसलिए स्वस्थ यौन जीवन को बनाए रखने में सहायता करता है।
6. गर्भावस्था के दौरान मदद करता है: केसर पैल्विक रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। यह ऐंठन, गैस और सूजन दबाने मे भी मदद करता है। यह अवसाद और चिंता को दूर करता है।
7. अनिद्रा के लिए: केसर एक हल्का शामक है जो अनिद्रा और अवसाद का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
8. यह बालों के झड़ने को रोकता है: केसर, नद्यपान और दूध के साथ मिला कर गंजे सर पर लगाया जाए तो यह बाल उगाने मे मदद करता है।
9. दिल का स्वास्थ्य बनाए रखता है: केसर मे मौजूद एंटीऑक्सिडेंट कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को कम करने में मदद करते है। यह धमनियों मे पट्टिका को निकालता है और एथोरोसलेरोसिस को रोकने में मदद करता है।
10. दृष्टि में सुधार: केसर में कैरोटीनॉयड शामिल होते हैं जो उम्र बढ़ने वाले रोगों जैसे की मैक्यूलर डिएनेरेशन और मोतियाबिंद से रक्षा करते हैं।

11. मसूड़ों के लिए: केसर से मसूड़ों की मालिश करने से मसूड़े मजबूत होते है। 
12. कैंसर से बचाता है: सर मे क्रोकिन और सफानाल शरीर में कैंसर-विरोधी और एंटी-मैटेजेनिक गुणों के माध्यम से ट्यूमर के विकास को रोकते हैं। केसर में मौजूद कैरोटीनॉयड में पेटी, जिगर और डिम्बग्रंथि के कैंसर के खिलाफ रसायनोपचार गुण हैं।
13. गठिया लड़ता है: केसर मे सूजन दूर करने के गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द से राहत प्रदान करते हैं, थकान दूर करते हैं  और मांसपेशियों की सूजन को कम करते हैं।
14. यह मुँहासे और बाधाओं को ठीक करता है: केसर में मौजूद एंटिफंगल और जीवाणुरोधी सामग्री मुँहासे का इलाज करने में मदद करती है।

Sunday 1 September 2019

स्वस्थ जीवन जीने के तरीके, सालों तक बुढ़ापा नहीं आइएगा पास


यह एक प्रसिद्ध कहावत है "स्वास्थ्य ही धन है।" कोई भी व्यक्ति स्वस्थ और रोग-रहित रह सकता है यदि वह कुछ नियमों और नियमित दिनचर्या का पालन करें, जैसे की हमें सुबह जल्दी उठाना चाहिए और खुली हवा में घुमने जाना चाहिए साथ में हल्का व्यायाम करना चाहिए और ताजा दूध पीना चाहिए।

हमें प्रतिदिन स्नान करना चाहिए और स्वच्छ कपडें पहनने चाहिए और अपनी जरुरत के हिसाब से भोजन करना चाहिए, आवश्यकता से कम या अधिक नहीं खाना चाहिए साथ ही दोपहर के भोजन के बाद थोडा आराम करना चाहिए। शाम को हमें कोई खेल खेलने चाहिए और रात में हमें हल्का भोजन करना चाहिए।

साथ ही हमें अपनी वृत्ति पर विश्वास करना चाहिए तथा हमारे व्यवहार को उसके ही अनुसार नियमित करना चाहिए और हमें अपनी शारीरिक आवश्यकताओं पर नियंत्रण (control) रखना चाहिए। स्वस्थ और रोग-रहित होने के लिए जरुरी है की हम शरीर को जानें। हमें तनाव में नहीं रहना चाहिए और खुश रहना चाहिए।


प्रात:कालीन भ्रमण - सुबह की सैर करें

नियमित प्रात:काल सैर करने से स्वास्थ्य में सुधार आता है साथ ही प्रात:कालीन भ्रमण सर्वश्रेष्ठ व्यायाम है। यह एक प्राकृतिक (natural) शक्तिवर्धक औषधि हैं। यह एक हल्का व्यायाम है और ये वृद्धों तथा युवाओं सभी के लिए सामान रूप से फायदेमंद हैं। यह आसान है लेकिन मूल्यवान है। यह शरीर को स्वस्थ एवं मजबूत (strong) बनाता हैं।
शायद आपने एक कहावत सुनी होगी - "स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मष्तिष्क होता है।" यह हमारे मष्तिष्क को स्वस्थ रखता है और हमें चुस्त रखता है। हमें सुबह जल्दी उठने की आदत हो जाती है।
प्रकृति पूर्ण शान्त एवं सुन्दर होती है। हम प्रकृति के निकट सम्पर्क में आ जाते है। वायु शीतल एवं खुशनुमा होती है। हम देखते है की पक्षी गा रहे (चहचहा रहे) हैं। हम चिन्ताओं को भूल जाते हैं। हमारे दिमाग में अछे विचार आते हैं और मंद गति से घूमते हैं।
हम अनुभव करते है की ईश्वर एक महान कलाकार है। हम मुफ्त में ताजा हवा (ऑक्सीजन) प्राप्त करते हैं। इससे हमारे फेफड़े तथा ह्रदय मजबूत बनते हैं और बीमारी दूर रहती हैं।
थोड़े समय के बाद पूर्व दिशा में आकाश लाल होने लगता है जो यह प्रकट करता है की सूर्य उदय होने वाला है। उगते हुए सूरज की और देखने से हमारी नजर में सुधार होता है। संक्षेप में, हम कह सकते है की प्रात:कालीन भ्रमण एक वरदान हैं।
अब आप जान गए होंगे की सुबह की सैर हमारे शरीर के लिए कितनी लाभदायक है और इसके क्या-क्या फायदे है। यदि आप स्वस्थ और रोग-रहित रहना चाहते है तो सबसे पहली आदत यही है जो आपको सदा स्वस्थ रख सकती हैं।

रोग-रहित कैसे रहें

जब हम पैदा होते है तो हम एकदम स्वस्थ होते है लेकिन धीरे-धीरे हमें अनेक बीमारियां होने लगती है जो हमें रोगी बना देती हैं। हम रोगी अपनी दिनचर्या आदतों से बनते हैं यहां मैं कुछ ऐसी आदतें (habits) बता रहा हूं जिन्हें छोड़कर आप स्वस्थ और रोग-रहित रहे सकते हैं।

खाना खाने से पहले हाथ धोएं

खाने से पहले हाथ नहीं धोना, सबसे बड़ा कारण है जिसकी वजह से हम बीमार पड़ते हैं। हमारे दैनिक काम के दौरान हम जाने अनजाने में एक समय में कई चीजों को स्पर्श करते हैं। इस दैनिक तंत्र के कारण रोगाणु आसानी से हमारे हाथ से मुंह तक पहुंच सकते हैं। अगर स्वास्थ्य समस्याओं से दूर रहना चाहते है तो हाथों को नियमित रूप से धोने की आदत डालें।

सही तरीके से सांस लें

आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का सबसे अच्छा तरीका आपका साँस लेने का तरीका है। हमें अपनी छाती के बजाय हमारे डायफ्राम से सांस लेनी चाहिए। साँस लेने में यह बदलाव ऑक्सीजन सेवन को अधिकतम करने में मदद करता है साथ ही आप शान्त महसूस करेंगे। इसलिए अपने शरीर के कार्यों और रक्त परिसंचरण में सुधार करने के लिए अपनी सांस को बदलें।

सुबह एक स्वस्थ नाश्ता खाएं

सुबह नाश्ता सबसे महत्त्वपूर्ण भोजन होता है अगर आप सुबह नियमित नाश्ता करने की आदत बना लेते है तो आपके पेट की समस्या खत्म हो जाएगी जो समस्या पाचन और वजन के कारण होती है इसलिए आप सुबह नियमित स्वस्थ नाश्ता खाएं। इससे आपके पाचन में सुधार होता है।


अपने नाखूनों को नियमित रूप से कट करें

कुछ लोग लंबे नाखून के शौकीन होते है लेकिन लंबे नाखून केवल आपके दैनिक कार्यों को मुश्किल बनाते है बल्कि यह संक्रमण और कीटाणुओं के लिए मेजबान के रूप में भी काम कर सकता है। जब आप किसी चीज को छुते है या मिट्टी में हाथ डालते है तो आपके नाखूनों में मिट्टी के रोगाणुओं का बसर हो जाता है और जब आप खाना खाते है तो ये आपके मुंह में प्रवेश कर जाते है और आप एक रोगी बन जाते हैं। यदि आप रोग-रहित रहना चाहते है तो अपने नाखूनों को नियमित रूप से कट करें और अच्छे से साफ रखें।

अपने शरीर का सम्मान करें

आपका शरीर आपका होस्ट है, इसका सम्मान करना सीखें। हर दोष और कमजोरियों को स्वीकार करें और अपने शरीर के साथ रहें और अपने शरीर से प्यार करें। यदि आप स्वास्थ्य, रोग-रहित और उच्च आत्मविश्वास के साथ खुश रहना चाहते है तो आपका शरीर अच्छा है या बुरा है, कैसा भी हो, अपने शरीर से प्यार करें और देखभाल करें।
  1. सबसे अच्छी बात यह है की आप अपने आप से ऐसा कर सकते है जैसे प्लेग जैसी तनाव से बचें, क्योंकि अवसाद, अनिद्रा, और ह्रदय रोग जैसे अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण तनाव हैं।
  2. जंक फूड का अधिक सेवन ना करें। लगातार जंक फूड का सेवन करने से मोटापा जन्म लेगा जो उच्च कोलेस्ट्रोल, मधुमेह और ह्रदय की समस्याओं जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण होगा।
  3. आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए और कोशिकाओं को फिर से जीवंत करने के लिए पानी का पर्याप्त सेवन आवश्यक है इसलिए पानी का भरपूर सेवन करें।
साथ ही भरपूर नींद लें और अधिक सब्जियों का सेवन करें। अपने आहार में सभी प्रकार की सब्जियों को शामिल करें क्योंकि सब्जियां खाने के अनेक फायदे है जैसे सब्जियों में फाइबर, आवश्यक विटामिन और अलग-अलग पोषक तत्वों होते है जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते है जो हर तरह से अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं।
अपने जीवन में व्यायाम शामिल करें। नियमित 30 मिनट व्यायाम करके आप खुद को स्वस्थ रख सकते है और रोग-रहित रहे सकते हैं क्योंकि व्यायाम हमारी हड्डीयों को मजबूत बनाता है और वजन बनाए रखने में मदद करता है और तनाव को दूर करता है। आपकी ऊर्जा के स्तर और मुड को बढ़ाता है। यदि आप स्वस्थ, रोगों से दूर और अलग-अलग ह्रदय रोगों से दुर रहना चाहते है तो व्यायाम शुरू करें।


इसके अलावा अपनी व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा करने से बचें, जैसे टूथब्रश, रेजर, सेविंग मशीन आदि। इन्हें साझा करने से रोगाणु (germ) स्थानातंरण हो सकता है। इसलिए अपने व्यक्तिगत आइटम को केवल खुद इस्तेमाल करें और कभी भी अपने परिवार के सदस्यों के साथ कोई भी व्यक्तिगत सामान साझा ना करें।
अगर आप इन सुझावों को अपनी जीवन शैली (lifestyle) में नियमित फॉलो करेंगे तो आप अपने आप को स्वस्थ और रोगों से बच सकते है तभी आप healthy जिंदगी बिता सकते है और अपनी लाइफ को खुशहाल बना सकते हैं।


यदि आप इन आदतों और उपायों को अपने जीवन में अपना लेते है और अपनी आदत बना लेते है तो आप हमेशा स्वस्थ और रोग-रहित रह सकते हैं। अगर आपको ये जानकारी अच्छा स्वास्थ्य के लिए उपयोगी लगे तो इसे अपने दोस्तों और अन्य लोगों के साथ साझा जरुर करें।

Sunday 17 February 2019

क्यों चटकती हैं हड्डियां, और क्यों आती है हड्डियों से चटकने की आवाज़

क्यों आती है हड्डियों के चटकने की आवाज़ | उंगलियां चटकाने पर क्यों आती है आवाज | उंगलियां चटकती हैं लेकिन टूटती क्यों नहीं | Knocking fingers down can be harmful, know here

क्यों चटकती हैं हड्डियां, और क्यों आती है हड्डियों से चटकने की आवाज़



हम में से हर दूसरे व्यक्ति को उंगलियां चटकाने की आदत होती है। खाली बैठे हुए या फिर कोई काम करते वक्त लोग अक्सर लोग उंगलियों को चटकाने लगते हैं। ऐसा करने के पीछे लोगों का अक्सर ये तर्क रहता है कि ऐसा करने से उन्हें आराम मिलता है। इस वजह से लोग और अधिक उंगलियां चटकाने लगते हैं। कई लोग तो गर्दन की हड्डियां भी सुबह-सुबह उठकर चटकाते हैं। ये आपको सामान्य लग सकता है, लेकिन उंगलियां चटकाने से आपको गठिया रोग हो सकता है।

कसरत करने के दौरान या अंगडाई लेते समय कई बार हड्डियों के जोड़ों के चटकने की आवाज आती है। इसके अलावा कुछ लोगों को उँगलियाँ चटकाने की भी आदत होती है। आइये जाने हड्डियों के चटकने पर आवाज क्यों आती है।
दरअसल हड्डियों के जोड़ों के चटकने के दो अलग-अलग कारण हैं। शरीर को ऐंठने, मोड़ने या अंगडाई लेने से हड्डियों के चटकने की आवाज आती है उसका कारण वे ऊतक हैं, जो मांसपेशियों ओर हड्डियों के बीच में रहते हैं। जब इन पर तनाव पड़ता है तो ये अपने स्थान से हट जाते हैं और इसी कारण से आवाज पैदा होती है। जिसे हम हड्डियाँ चटकना कहते हैं। इसकी पुनरावृत्ति का कोई निशिचत समय नहीं होता है। अर्थात कुछ लोगों में यह उसी समय दोबारा भी हो सकता है तथा कुछ के साथ नहीं भी हो सकता।

दूसरी ओर जब उँगलियाँ चटकाई जाती है, तब वे लगभग अपनी सीमा तक मोड़ दी जाती है। अगर आप भी हाथ-पैर की अंगुलियां चटकाने के शौकीन हैं, तो सावधान हो जाइए। ये आदत आपको गठिया का शिकार बना सकती है। कनाडा के दो वैज्ञानिक ग्रैग ब्राउन व मिशेल मॉफिट ने अपनी किताब 'एसेपसाइंस' में यह खुलासा किया है। किताब के अनुसार, हमारी हड्डियां लिगामेंट के द्वारा एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं। जब हम अंगुलियां चटकाते हैं, तो उस समय हम वास्तव में इन लिगामेंट जोड़ों को खींच रहे होते हैं। जोड़ के बार-बार खिंचाव से हड्डियों के बीच मौजूद द्रव कम हो सकता है और जोड़ पर मौजूद ऊतक नष्ट भी हो सकते हैं, जिससे गठिया हो सकती है। घुटने, कोहनी और अंगुलियों के जोड़ों में एक विशेष प्रकार का द्रव पाया जाता है, जोड़ों पर दबाव के कम होने से इस विशेष प्रकार द्रव में मौजूद गैस जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड नए बने खाली स्थान को भरने का काम करती है। जब जोड़ों को अधिक खींचते हैं तो दबाव कम होने से यह बुलबुले फूट जाते हैं और हड्डी चटकने की आवाज आती है। जब तक यह वायु दोबारा बुलबुलों के रूप में द्रव पदार्थ में घुलमिल नहीं जाती, तब तक फ़िर से उँगलियाँ चटकाने पर यह आवाज नहीं आ सकती। 


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Tuesday 5 February 2019

स्वस्थ जीवनशैली के टिप्स | Healthy Life style Tips In Hindi

*1. सुबह उठ कर कैसा पानी पीना चाहिए*?
    उत्तर -     हल्का गर्म


*2.  पानी पीने का क्या तरीका होता है*?
    उत्तर -    सिप सिप करके व नीचे बैठ कर


*3. खाना कितनी बार चबाना चाहिए*?
     उत्तर. -    32 बार


*4.  पेट भर कर खाना कब खाना चाहिए*?
     उत्तर. -     सुबह


*5.  सुबह का नाश्ता कब तक खा लेना चाहिए*?
     उत्तर. -    सूरज निकलने के ढाई घण्टे तक


*6.  सुबह खाने के साथ क्या पीना चाहिए*?
   
     उत्तर. -     जूस


*7.  दोपहर को खाने के साथ क्या पीना चाहिए*?
    उत्तर. -     लस्सी / छाछ


*8.  रात को खाने के साथ क्या पीना चाहिए*?
    उत्तर. -     दूध


*9.  खट्टे फल किस समय नही खाने चाहिए*?
    उत्तर. -     रात को


*10. आईसक्रीम कब खानी चाहिए*?
       उत्तर. -      कभी नही


*11. फ्रिज़ से निकाली हुई चीज कितनी देर बाद*
      *खानी चाहिए*?
      उत्तर. -    1 घण्टे बाद


*12. क्या कोल्ड ड्रिंक पीना चाहिए*?
       उत्तर. -      नहीं


*13.  बना हुआ खाना कितनी देर बाद तक खा*
      *लेना चाहिए*?
      उत्तर. -     40 मिनट


*14.  रात को कितना खाना खाना चाहिए*?
       उत्तर. -    न के बराबर


*15.  रात का खाना किस समय कर लेना चाहिए*?
      उत्तर. -     सूरज छिपने से पहले


*16. पानी खाना खाने से कितने समय पहले*
     *पी सकते हैं*?
      उत्तर. -     48 मिनट


*17.  क्या रात को लस्सी पी सकते हैं*?
     उत्तर. -     नहीं  


*18.  सुबह नाश्ते के बाद क्या करना चाहिए*?
       उत्तर. -     काम


*19. दोपहर को खाना खाने के बाद क्या करना*
       *चाहिए*?
       उत्तर. -     आराम


*20. रात को खाना खाने के बाद क्या करना*
     *चाहिए*?
      उत्तर. -    500 कदम चलना चाहिए


*21. खाना खाने के बाद हमेशा क्या करना चाहिए*?
      उत्तर. -     वज्रासन


*22. खाना खाने के बाद वज्रासन कितनी देर*
      *करना चाहिए.*?
   
      उत्तर. -     5 -10 मिनट


*23.  सुबह उठ कर आखों मे क्या डालना चाहिए*?
      उत्तर. -    ठंडा पानी।


*24.  रात को किस समय तक सो जाना चाहिए*?
      उत्तर. -     9 - 10 बजे तक


*25. तीन जहर के नाम बताओ*?
      उत्तर.-    चीनी , मैदा , सफेद नमक


*26. दोपहर को सब्जी मे क्या डाल कर खाना*
      *चाहिए*?
      उत्तर. -     अजवायन


*27.  क्या रात को सलाद खानी चाहिए*?
      उत्तर. -     नहीं


*28. खाना हमेशा कैसे खाना चाहिए*?
      उत्तर. -     नीचे बैठकर व खूब चबाकर


*29. चाय कब पीनी चाहिए*?
      उत्तर. -     कभी नहीं


*30. दूध मे क्या डाल कर पीना चाहिए*?
      उत्तर. -    हल्दी


*31.  दूध में हल्दी डालकर क्यों पीनी चाहिए*?
      उत्तर. -    कैंसर ना हो इसलिए


*32. कौन सी चिकित्सा पद्धति ठीक है*?
      उत्तर. -   आयुर्वेद


*33. सोने के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए*?
      उत्तर. -   अक्टूबर से मार्च (सर्दियों में)


*34. ताम्बे के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए*?
      उत्तर. -    जून से सितम्बर(वर्षा ऋतु)


*35. मिट्टी के घड़े का पानी कब पीना चाहिए*?
      उत्तर. -  मार्च से जून (गर्मियों में)


*36. सुबह का पानी कितना पीना चाहिए*?
      उत्तर. -  कम से कम 2 - 3 गिलास।


*37. सुबह कब उठना चाहिए*?
       उत्तर. -  सूरज निकलने से डेढ़ घण्टा पहले।


*38.इस मैसेज को कितने ग्रुप में भेजना चाहिए ।*
        उत्तर . सभी ग्रुपो में!


*39.क्या पुण्य के कार्य में देर* *करनी चाहिए।*
उत्तर. नहीं।

Wednesday 30 January 2019

अदरक के फायदे और नुकसान

Ginger benefits and side-effects in Hindi

Ginger benefits and side-effects in Hindi

अदरक महज एक मसाला ही नहीं है, बल्कि यह सेहत के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं। अदरक में आयरन, कैल्शियम, आयोडीन, क्लो‍रीन व विटामिन सहित कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। साथ ही अदरक एक शक्तिशाली एंटीवायरल भी है। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। अदरक को ताजा और सूखा दोनों प्रकार से प्रयोग किया जा सकता है। आइए अदरक के कुछ गुणों के बारे में जानते हैं।


अदरक एक बहुत ही सेहतमंद और स्वादिष्ट मसाला है। यह विश्व भर में पाया जाता है। हमारी सेहत के लिए ही बहुत ही ज्यादा लाभदाई है। कई देशों में तो इससे जुड़ी जड़ी-बूटी के रूप में भी उपयोग किया जाता है। अदरक ज्यादातर भारत, चीन और अन्य गर्म मौसम वाले देशों में ज्यादा पाया जाता है।
आज हम इसी के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे|

अदरक के फायदे | Ginger benefits in Hindi

अदरक के बहुत ही ज्यादा फायदे हैं जैसे कि यह मांसपेशियों के दर्द से राहत देता है, पाचन शक्ति ठीक रखता है, और भी बहुत सारे फायदे है। आइये इसके फायदे विस्तार से जानते है।

मांसपेशियों के दर्द से राहत

कई बार क्या होता है कि व्यायाम करने से हमारे शरीर में दर्द होने लगता है। यह दर्द कई बारी मांसपेशियों में खिचाव के कारण होता है| तो इसी मांसपेशियों के दर्द को कम करने के लिए अदरक बहुत ही ज्यादा लाभदाई है।
एक अध्ययन के अनुसार यदि हम 2 से 3 ग्राम अदरक रोजाना 10 दिनों तक खाएं तो इससे हमारी कोहनी में जो दर्द होता है वह ठीक हो जाएगा। अदरक एकदम से ऐसा नहीं करता यह धीरे-धीरे दिन-प्रतिदिन दर्द को कम करता है