Sunday 6 October 2019

शुगर में परहेज | लक्षण व मधुमेह रोगियों के लिए घरेलू नुस्खों | Sugar Me Kya Khaye | शुगर की रामबाण औषधी, शुगर की दवा घर पर बनायें

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शुगर (डायबिटीज) में क्या खाना चाहिए


दुनिया भर में सबसे ज़्यादा लोग अगर किसी बीमारी से पीड़ित हैं, तो वह है शुगर डायबिटीज़. यह एक भयंकर महामारी के रूप में दुनिया भर में फैल रही है. पूरी दुनिया में शुगर डायबिटीज से लगभग 415 मिलियन लोग प्रभावित हैं.
आपको यह जानकर बड़ी हैरानी होगी कि अकेले भारत में ही इतनी बड़ी आबादी के आधे लोग यहाँ शुगर के मरीज़ हैं. मतलब की दुनिया भर में जितने मरीज़ हैं उसकी आधी आबादी हमारे भारत में पाई जाती है.
हमारी बिगड़ती जीवनशैली के कारण हमारा शरीर कई बीमारियों का घर बन गया है। इन्हीं बीमारियों में से एक है डाइबिटीज़ यानी मधुमेह। डाइबिटीज़ भले ही एक सामान्य बीमारी हो, लेकिन एक बार किसी को हो जाए, तो ज़िंदगीभर उसका साथ नहीं छोड़ती। किसी समय में यह बीमारी सिर्फ 50 साल से ऊपर के लोगों को होती थी, लेकिन आज हर कोई इससे ग्रस्त है। यहां हम आपको बता दें कि अगर मरीज़ अपनी जीवनशैली और खानपान का ख्याल रखे तो डाइबिटीज़ को संतुलित रखा जा सकता है।
  1. टाइप 1 – यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, इसमें बीटा कोशिकाएं इंसुलिन नहीं बना पाती हैं। इस मधुमेह में मरीज़ को इंसुलिन के इंजेक्शन दिए जाते हैं, ताकि शरीर में इंसुलिन की मात्रा सही तरीक़े से बनी रहे। यह डायबिटीज़ बच्चों और युवाओं को होने की आशंका ज़्यादा होती है।
  1. टाइप 2 – इसमें शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है या फिर शरीर सही तरीके से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता।
  1. गर्भावधि मधुमेह (gestational diabetes) – यह मधुमेह गर्भावस्था के दौरान होता है, जब खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इस दौरान, गर्भवती महिलाओं को टाइप 2 डायबिटीज़ होने का खतरा ज़्यादा रहता है।
हर किसी को मधुमेह के कुछ लक्षणों का पता होना जरूरी है। इसके कई ऐसे आम से दिखने वाले लक्षण होते हैं, जिन पर अगर आप समय रहते ध्यान देते हैं, तो इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। नीचे हम ऐसे ही कुछ शुगर के लक्षण आपको बता रहे हैं।
  1. बार-बार पेशाब लगना।
  2. लगातार शरीर में दर्द की शिकायत होना।
  3. बार-बार त्वचा और प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण होना या कैविटी होना।
  4. घाव का जल्दी न भरना।
  5. गला सूखना या बार-बार प्यास लगना।
  6. आंखों की रोशनी कमज़ोर होना।
  7. वज़न का अचानक से ज़्यादा बढ़ना या कम होना।
  8. लगातार थकान या कमज़ोरी महसूस होना।
  9. ज़रूरत से ज़्यादा भूख लगना।
  10. व्यवहार में चिड़चिड़ापन होना।
इससे पहले कि आप मधुमेह के इलाज के बारे में जानें, आपका शुगर होने के कारणों के बारे में जानना ज़रूरी है।
  • अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज़ है, तो आपको भी डायबिटीज़ होने का ख़तरा हो सकता है।
  • ज़्यादा तला या बाहर का खाना खाने से बढ़ता हुआ वज़न भी डायबिटीज़ का कारण है।
  • व्यायाम या कोई शारीरिक श्रम ना करना।
  • ज़्यादा मीठा खाना।
  • अगर कोई ह्रदय संबंधी बीमारी है, तो डायबिटीज़ हो सकती है।
  • अगर गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज़ हुई हो या शिशु का वज़न 9 पौंड से ज्यादा हो तो आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज़ होने की आशंका बढ़ जाती है।
  • बढ़ती उम्र से भी डायबिटीज़ हो सकती है।
  1. इंसुलिन – कई टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज़ के मरीज़ इंसुलिन के इंजेक्शन का उपयोग करते हैं। इसके अलावा डॉक्टर इंसुलिन पंप की भी सलाह देते हैं।

  1. सही खान-पान – मधुमेह के मरीज़ों को अपने खान-पान का ख़ास ख़्याल रखना चाहिए। इसलिए, डॉक्टर डायबिटीज़ के लिए एक विशेष आहार चार्ट बनाते हैं और उसी के अनुरुप खान-पान की सलाह देते हैं। खाने में हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, गाजर, टमाटर, संतरा, केला व अंगूर खा सकते हैं। इसके अलावा अंडा, मछली, चीज़ और दही का भी सेवन करने की सलाह दी जाती है।
  1. व्यायाम – खाने-पीने के अलावा डॉक्टर व्यायाम और योगासन करने की भी राय देते हैं। फिज़िकल एक्टिविटी करने से ब्लड ग्लूकोज़ लेवल संतुलित रहता है और आपका शरीर स्वस्थ रहता है। डॉक्टर, डायबिटीज़ के मरीज़ों को चलने, सुबह की सैर और हल्का-फ़ुल्का व्यायाम करने की राय देते हैं। यह डायबिटीज के इलाज के सबसे आसान तरीके हैं। 
  1. दवाइयां – डायबिटीज़ के मरीज़ों को दवाइयां की भी सलाह दी आती है। डॉक्टर, मरीज़ की बीमारी के अनुसार ही दवाई देते हैं।

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