Sunday 23 August 2020

गुर्दे की सूजन-दर्द के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार / HOUSEHOLD AYURVEDIC TREATMENT OF SWELLING OF KIDNEYS

 

किडनी (kidney / गुर्दा ) हमारे शरीर का एक बेहद ही महत्वपूर्ण अंग होता है जिसकी नियमित देखरेख से हम इसको स्वस्थ रख सकते हैं | |पेट की खराबी, प्रदूषित भोजन तथा अम्लीय पदार्थों का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए| इससे गुर्दों से शोथ हो जाता है| इसी बात को चिकित्सक यूं कहते हैं कि गुर्दे में जब क्षारीय तत्त्व बढ़ जाते हैं तो उसमें सूजन आ जाती है| फलस्वरूप वहां दर्द होने लगता है|

गुर्दे में दर्द-सूजन का कारण
जब गुर्दों द्वारा रक्त की शुद्धि भली प्रकार नहीं होती तो पानी का अंश पेशाब द्वारा कम निकलता है| इसके फलस्वरूप मूत्रवाहक संस्थान की शुद्धि ठीक से नहीं हो पाती| मूत्र के साथ तरह-तरह के पदार्थों के बारीक कण बाहर निकलने लगते हैं| इससे गुर्दों में सूजन आ जाती है| और बुखार रहने लगता है|
गुर्दे में दर्द-सूजन की पहचान
पेशाब करते समय दर्द का आभास होना |
कभी-कभी पेशाब रुक-रुककर आना |
पीठ में दर्द एवं बेचैनी होना |
मूत्र से तीव्र दुर्गंध आना |
पेशाब द्वारा विषैले पदार्थ का स्राव |
सिर दर्द होना |
मन न लगना |
व्याकुलता होना |
बदन में दर्द रहना आदि |
पेशाब करते समय दर्द महसूस होता है| कभी-कभी पेशाब रुक-रुककर आने लगता है| पीठ में दर्द एवं बेचैनी होती है| मूत्र से तीव्र दुर्गंध आती है| पेशाब द्वारा तरह-तरह के पदार्थ निकलने लगते हैं| ऐसे में सिर दर्द, मन न लगना, व्याकुलता, बदन में दर्द आदि लक्षण भी प्रकट होते हैं|
गुर्दे की सूजन के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार
लौकी का नियमित सेवन करें :- लौकी में श्रेष्ठ किस्म का पोटेशियम प्रचुर मात्रा में मिलता है इसलिए यह गुर्दे के रोगों में बहुत उपयोगी है और इससे पेशाब खुलकर आता है |
अंगूर की बेल, सेंधा नमक, पानी
50 ग्राम अंगूर की बेल के पत्ते पानी में पीसकर छान लें| उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर रोगी को पिलाएं| गुर्दे के दर्द से तड़पता मरीज भी ठीक हो जाएगा|
खीरे का नियमित सेवन करें :- किडनी तथा लीवर की समस्या को दूर करने के लिए खीरे का नियमित रूप से सेवन करने से समस्या से मुक्ति मिल जाती है |
आंवले का सेवन करें :- आंवले का नियमित सेवन हमारे गुर्दों को स्वस्थ रखता है |
तरबूज तथा आलू का रस इस्तेमाल करे :- तरबूज तथा आलू का रस भी गुर्दे के रोग को ठीक करने के लिए सही होता है इसलिए पीड़ित रोगी को सुबह शाम इसके रस का सेवन करना चाहिए।
नियमित पानी का सेवन करें :- गुर्दों की समस्या से दूर रहने के लिए दिन में कम से कम दो बार गुनगुना पानी पीना चाहिए | यदि गुनगुना पानी ना मिले तो सादा पानी तो अवश्य पीना चाहिए |
त्रिफला और पानी
एक बड़ा चम्मच त्रिफला चूर्ण रात को सोने से पूर्व हल्के गरम पानी के साथ लेने से कुछ ही दिनों में गुर्दे की सूजन ठीक हो जाती है|
पानी और पुनर्नवा
दो प्याले पानी में एक तोला पुनर्नवा डालकर खूब उबालें| जब पानी आधा रह जाए तो छानकर सुबह-शाम पीने से गुर्दे की सूजन में लाभ होता है|
तुलसी, अजवायन, सेंधा नमक और पानी
तुलसी की पत्तियां 20 ग्राम, अजवायन 20 ग्राम, सेंधा नमक 10 ग्राम और तुलसी के पत्ती 10 ग्राम – इन सबको छांव में सुखा लें| फिर उन्हें कूट-पीसकर चूर्ण बना लें| प्रात: और सांयकाल गुनगुने पानी से 2-2 ग्राम चूर्ण खिलाएं| एक ही खुराक में गुर्दे के दर्द-सूजन में आराम आ जाएगा|
गुर्दे में दर्द-सूजन में क्या खाएं क्या नहीं
शुद्ध जल अधिक मात्रा में पिएं| पानी को अच्छी तरह उबालने और छानने के बाद रोगी को देना चाहिए| भोजन में जौ, परवल, करेला एवं सहिजन की फली दें| इसके अतिरिक्त नारियल का पानी, गन्ने का रस, जामुन तथा तरबूज विशेष लाभ पहुंचाते हैं|
इस रोग में नमक का सेवन बिलकुल बंद कर देना चाहिए| मांस-मछली, अंडा, तंबाकू, बीड़ी-सिगरेट एवं शराब का भी उपयोग न करें| दही, दही से बनी चीजें, टमाटर, नीबू आदि खट्टी चीजों का इस्तेमाल करने से भी रोगी को हानि हो सकती है, अत: इनके सेवन से दूर रहें|

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