Monday 7 October 2019

Shadbindu Tel in Hindi | षडबिंदु तेल के फायदे ,गुण ,उपयोग और नुकसान

षडबिन्दु तेल (Shadbindu Tel) के फायदे एवं बनाने की विधि

षडबिन्दु तेल (Shadbindu Tel) के फायदे एवं
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षडबिंदु तेल के फायदे ,गुण ,उपयोग और नुकसान 
 षडबिंदु तेल : Shadbindu Tel in Hindi. नस्य के रूप में प्रयोग किये जाने वाले एक गुणकारी आयुर्वेदिक योग 'षडबिन्दु

षडबिंदु तेल के फायदे ,गुण ,उपयोग और नुकसान

षडबिन्दु तेल (Shadbindu Tel in Hindi)


षडबिंदु तेल के कम्पोजीशन की बात करें तो या तिल तेल के बेस पर बना आयुर्वेदिक तेल है जिसे कई तरह की जड़ी-बूटियाँ मिलाकर पकाया जाता है. इसमें काला तिल तेल के अलावा बकरी का दूध, भृंगराज का जूस प्रत्येक चार भाग, एरंड मूल, तगर, सौंफ़, जीवंती, रास्ना, दालचीनी, विडंग, मुलेठी, सोंठ और सेंधा नमक प्रत्येक एक भाग के मिश्रण से बनाया जाता है

षडबिंदु तेल बनाने की विधि यह है कि तिल तेल, बकरी का दूध और भृंगराज के रस को मिक्स कर लोहे की कड़ाही में डालकर आंच पर चढ़ा दें, और बाकि दूसरी जड़ी-बूटियों को पिस कर पेस्ट बनाकर मिला लेना है. धीमी आंच पर तेल पकाया जाता है, जब सिर्फ तेल बच जाये तो ठण्डा होने पर छान कर रख लिया जाता है

षडबिंदु तेल के गुण - अगर इसके गुणों की बात करें तो यह एंटी इंफ्लेमेटरी या सुजन दूर करने वाला, एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है

नस्य के रूप में प्रयोग किये जाने वाले एक गुणकारी आयुर्वेदिक योग "षडबिन्दु तेल" का परिचय इस आर्टिकल में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसका उपयोग कुछ व्याधियों को नष्ट कर शरीर व् स्वास्थ्य की रक्षा करने में बहुत गुणकारी सिद्ध होता है.

षडबिन्दु तेल के घटक द्रव्य (ingredients of shadbindu oil ) - अरंडी की जड़, तगर , सोया, जीवन्ति (डोडी ), रास्ना, सेंधानमक, भांगरा, बायबिडंग, मुलहठी और सौंठ - सब द्रव्य समान मात्रा में . भांगरे का रस , काले तिल का तेल और इसके बराबर वज़न में बकरी का दूध.
षडबिन्दु तेल निर्माण विधि (shadbindu oil preparation method ) - सब द्रव्यों को भांगरे के रस में पीस कर कल्क (लुगदी) बना लें. इस कल्क के वज़न से चार गुना काले तिल का तेल, इतनी ही मात्रा में बकरी का दूध और तेल से चार गुनी मात्रा में भांगरे का रस - इन सबको मिलाकर यथा विधि तेल को सिद्ध करें यानी तब तक उबालें जब सिर्फ तेल ही बचे. तेल सिद्ध करके उतार लें और ठंडा होने पर छान कर बोतलों में भर लें.
षडबिन्दु तेल मात्रा और प्रयोग विधि ( shadbindu oil quantity , dosage and application uses ) - इस तेल का उपयोग नाक में २-२ बून्द टपका कर नस्य के रूप में किया जाता है. इसकी प्रयोग विधि इस प्रकार है - पलंग पर चित्त लेटकर गर्दन पलंग से बाहर की तरफ रखकर लटका दें ताकि नाक सीधी छत की तरफ हो जाए. अब ड्रॉपर में षडबिन्दु तेल भरकर नाक के एक नासापुट में २-३ बून्द कोई भी व्यक्ति टपका दे. जैसे ही तेल की बून्द नाक में गिरे वैसे ही दूसरी तरफ का नासापुट अँगुलियों से दबा कर, २-३ बार, जोर से सांस खींचे ताकि तेल कंठ में न जाकर ऊपर की तरफ निकल जाए. इसी प्रकार दूसरी तरफ के नासापुट में २-३ बूंदें टपका कर दूसरे नासापुट को दबा कर, २-३ बार , जोर से सांस खींचें . इसके बाद २-३ मिनिट तक इसी स्थिति में लेटे रहें फिर उठ जाएँ. यह प्रयोग रात को सोते समय करें.

षडबिन्दु तेल के लाभ व् फायदे (Advantages and health benefits of shadbindu oil ) - षडबिन्दु तेल से नस्य लेने के कई फायदे हैं. इससे सर व् मस्तिष्क में तरावट होती है, खुश्की व् गर्मी दूर होती है. सर में भारीपन, सिरदर्द, बाल झड़ना व् सफ़ेद होना, सर्दी-जुकाम, नाक के अंदर सूजन होना आदि शिकायतें दूर होती हैं और शिरोरोग नष्ट होते हैं. यह तेल बिना किसी रोग के, स्वस्थ अवस्था में भी, सप्ताह में या मास में एक बार दोनों तरफ के नासापुटों (नथुनों ) में टपकाते रहने से ये शिकायतें पैदा ही नहीं होती. षडबिन्दु तेल बना बनाया इसी नाम से बाज़ार में मिलता है.
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1 comment:

  1. आर्टिकल बदल दिया गया है ! धन्यबाद !!!

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