Thursday, 26 December 2019

जानिए भारतीय भोजन के बारे में (Indian food in hindi )

 भारत के भोजन में वो पहले वाली बात ही नहीं रही है। क्योंकि समय बीतने के साथ – साथ सब कुछ बदल जाता है। इसी तरह भारतीय भोजन के स्वाद और इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्रा भी बदलकर बहुत अधिक कम हो गयी है। जिस कारण यहां के लोगों को दिन – प्रतिदिन अनेक भयानक बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
एक रिसर्च से पता चला है। कि भारतीय मिट्टी में पोषक तत्व कम हो रहे है। जिससे इसमें उगने वाले अनाज, सब्जी के पोषक तत्वों में भी गिरावट आ रही है। मिट्टी में पाई जाने वाली पोषक तत्वों कि मात्रा इस प्रकार है।

S. No. पोषक तत्व मात्रा
1. जिंक 43 %
2. आयरन 12.1 %
3. कॉपर 5.4 %
4. मैग्नीशियम 5.6 %
5. बोरान 18.3 %   

कारण (Reason Indian food in hindi )

  • अधिक – से – अधिक जहरीली दवाईयो का प्रयोग करना।
  • अधिक मात्रा में खाद डालना।
  • पहले जैसी देख रेख न करना।
  • अच्छी तरह से गेहूँ और दाल का इस्तेमाल न करना।

बीमारियां

अधिक जहर डालकर उत्तपन होनी वाली फसल का प्रयोग करने से शरीर में बहुत अधिक नुकसान होता है। यह भोजन हमारे स्वास्थ्य को धीरे – धीरे खराब कर देता है। जानिए इससे होने वाली निम्नलिखित बीमारियां
कैंसर
आजकल यह बीमारी भारत में बहुत तेजी से बढ़ रही है। इसके पीछे का सिर्फ एक ही कारण है। हमारे द्वारा किया भोजन। जिसमे अधिक मात्रा में रसायनिक तत्व व अन्य हानिकारक तत्व भी पाए जाते है। जो हमारे स्वास्थ्य को खराब करके। हमे कैंसर जैसे भयानक रोग से घेर लेते है।
पेट दर्द
लम्बे समय तक यह भोजन खाने से पेट में दर्द जैसी समस्या उत्तपन हो जाती है। इसके साथ भोजन नहीं पचता है। क्योंकि यह भोजन स्वस्थ नहीं होता है।
मोटापा
ऐसा भोजन खाने से मोटापा भी होने का खतरा रहता है। क्योंकि जब इस भोजन को सेवन करते है। तो यह भोजन पूरी तरह नहीं पचता है। इसमें वसा की भी मात्रा अधिक होने के कारण मोटापा हो जाता है।
शारीरिक कमजोरी
जैसा की हम सभी जानते है। कि जब हम कम पोषक तत्व वाला भोजन खाते है। तो उससे हमारे शरीर में ऊर्जा कि मात्रा पूरी नहीं हो पाती है। जिसके कारण हमारे शरीर में कमजोरी उत्तपन हो जाती है।

इससे आने वाली पीढ़ी पर पड़ने वाले प्रभाव ( Indian food in hindi )

भारतीय भोजन में यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ। तो इससे आने वाली पीढ़ी पर होने वाले प्रभाव निम्नलिखित है।
  •  बच्चों में शारीरिक कमजोरी।
  • बच्चों में मानसिक कमजोरी।
  • उनमें जन्म से अनेक बीमारी उत्तपन होना।
  • उनका पूर्ण विकास नहीं होगा।
  • उनमें अनेक प्रकार के हार्मोन्स की कमी।

क्या करना चाहिए बदलाव

भारतीय भोजन को पोषक तत्वों को पहले जैसा करने के लिए निम्नलिखित बदलाव करना चाहिए।
  • किसानों को रसायनिक खाद का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए।
  • यदि हो सके तो खाद का इस्तेमाल न ही करे।
  • इससे फसल कम होगी। लेकिन जितनी होगी उतनी शुध्द और पोषक तत्वों से भरपूर होगी।
  • जहरीली दवा का इस्तेमाल न करे।
  • खारा पानी फसल में न लगाए।
  • इससे फसल और जमीन दोनों को नुकसान होता है।
  • किसानों को देसी पशुओं के गोबर की खाद का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • इससे फसल अच्छी व पोषक तत्वों से भरपूर होगी।
  • किसानों को होने वाले सेमिनार में जाना चाहिए।
  • उनमें किसानों को नई – नई देसी तकनीक बताई जाती है।
  • ताकि किसान शुध्द और अधिक से अधिक मात्रा में फसल यानि अनाज उत्तपन कर सके।

पिछले 30 साल में हुई इन खाद्य पर्दार्थो में इतनी कमी

S. No. खाद्य पर्दाथ मात्रा
1. मसूर दाल 10 %
2. गेहूँ 9 %
3. बाजरा 8.5 %
4. मूंग दाल 6.12 %
5. टमाटर 73 %
6. आलू 5 %
7. सेब 60 %   

आपकी थाली में नहीं रही अब पहले जैसी ताकत, फल-सब्जियों में घटे पोषक तत्व – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन

घरेलू भोजन को ही ज्यादा पोषक बताने वालों के लिए यह शोध काफी चौंकाने वाला साबित हुआ है। इंस्टीट्यूट ने अपने शोध में 528 खाद्य पदार्थों में मौजूद 151 पोषक तत्वों की जांच की। इसके लिए 6 अलग-अलग जगहों से खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए, ताकि अलग-अलग जगहों की मिट्टी में उगे खाद्य सामाग्री की जांच की जा सके। इस दौरान सामने आया कि हमारे अनाज, फल-सब्जी, दालों में पाए जाने वाले पोषक तत्वों में कमी आई है। शोधकर्ताओं ने इस दौरान सामने आए आंकड़ों की तुलना आज से 30 साल पहले के शोध के आंकड़ों से की तो काफी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।   

  

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