Friday 21 June 2019

क्यों होता है जॉन्डिस, जानें लक्षण और बचाव

बच्चों में पीलिया होने पर चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन अगर बड़े इस बीमारी की चपेट में आ जाएं तो परेशानी बढ़ जाती है। इसे ठीक होने में भी लंबा वक्त लग जाता है।


पीलिया में त्वचा पीली पड़ जाती है और आंखें सफेद होने लगती हैं। नवजात बच्चे अकसर पीलिया की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। अगर शरीर पीला पड़ रहा है तो ये पीलिया का लक्षण हो सकता है। पीलिया को जॉन्डिस भी कहा जाता है। हालांकि, बच्चों में पीलिया होने पर चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन अगर बड़े इस बीमारी की चपेट में आ जाएं तो परेशानी बढ़ जाती है। इसे ठीक होने में भी लंबा वक्त लग जाता है। 


क्यों होता है जॉन्डिस? 
जब शरीर में रेड ब्लड सेल्स एक तय अंतराल, यानी 120 दिन में टूटते हैं तो बिलिरुबिन नाम का एक बाई-प्रॉडक्ट बनता है। ये पदार्थ पहले, लीवर में जाता है और फिर धीरे-धीरे मल-मूत्र के साथ शरीर से निकल जाता है। लेकिन, अगर किसी कारण से रेड ब्लड सेल्स 120 दिनों से पहले टूट जाते हैं तो लीवर में बिलिरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। इसी से पीलिया होता है। 

लक्षण 
-स्किन का पीला पड़ना 
-आंखों का सफेद होना 
-पेशाब का रंग गहरा पीला होना 
-मल का रंग सामान्य न होना 
-बुखार 
-पेट में दर्द 
-बदन में खुजली 
-वजन कम होना 

अगर इनमें से कोई भी लक्षण परेशान करे तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करें और जॉन्डिस का टेस्ट करवाएं। 

बचाव 
-इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है- टीकाकरण। 

-चूंकि पीलिया में लीवर पर असर पड़ता है, इसलिए ऐल्कॉहॉल का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए। 

-खुले में रखे खाने खासतौर पर स्ट्रीट फूड और गंदे पानी के सेवन से जॉन्डिस का खतरा रहता है। इसलिए इनसे बचें। 

-ताजा खाना खाएं और उबला हुआ पानी पिएं। 


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