Thursday 23 December 2021

लिंग की दुर्बलता या शिथिलता दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय उपचार

 



लिंग की कमजोरी दुर्बलता या शिथिलता का आयुर्वेदिक इलाज और उपचार जानने से पहले आपको यह पता होना चाहिए की लिंग की शिथिलता गया दुर्बलता पुरुषों में पाई जाने वाली एक बहुत ही साधारण समस्या है जोकि आजकल के खराब खानपान, नशा, खराब जीवनशैली, मानसिक तनाव जरूरत से अधिक होने के कारण किसी भी पुरुष या लड़के को किसी भी उम्र में हो सकती है| लिंग की कमजोरी या दुर्बलता को मेडिकल भाषा में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के नाम से जाना जाता है जिसने की सेक्स के दौरान आखिर लिंग में कड़कपन या सख्ती नहीं आती और आपका लिंग ढीला ढाला कमजोर या शिथिल पड़ जाता है| लिंग की दुर्बलता और शिथिलता के कारण लिंग में पर्याप्त तनाव नहीं आ पाता जिसके कारण आप शारीरिक सुख नहीं भोग पाते और अक्षर पुरुष कैसा होने पर बहुत अधिक मानसिक तनाव मैं रहने लगते हैं कॉलिंग की कमजोरी दूर करने के उपाय खोजने लगते हैं| यदि आप भी लिंग की कमजोरी या दुर्बलता का शिकार हो गए हैं तो हम आपको लिंग की शिथिलता दूर करने के कुछ आयुर्वेदिक इलाज क्या उपचार के उपाय बताने जा रहे हैं जिनके द्वारा आप अपने लिंग को स्वस्थ्य कड़क और ताकतवर बना सकते हैं| तो चलिए जानते हैं लिंग की दुर्बलता या शिथिलता दूर करने का आयुर्वेदिक उपचार या गिलास क्या होता है|


लिंग की शिथिलता या इरेक्शन होने में असफलता (ईडी) वह समस्या है जिसमें पुरुष सेक्स के दौरान इन्द्रिय में कड़ापन नहीं बनाए रख पाता। यह एक आम समस्या है, खासकर 40 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में। ईडी के इलाज में अंतर्निहित मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दिक्कतों को देखा जाता है जो यौन स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे होते हैं। शोध से पता चलता है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा दृष्टिकोण ईडी के उपचार में सहायता कर सकता है।

लिंग की शिथिलता को नपुंसकता, नामर्दी या इम्पोटेंसी भी कहते हैं। पेनिस के सही से इरेक्ट नहीं होने की स्थिति में सम्भोग शक्ति नहीं रह पाती जिससे पुरुष को उदासी और ग्लानि क अनुभाव होता है।

इरेक्शन नहीं आने के लिए (erectile dysfunction) घरेलू उपचार

पुरुषों में यौन नपुंसकता एक आम समस्या है जिसका आवृत्ति उम्र के साथ बढ़ती है। नपुंसक होने का मतलब यह नहीं है कि आपको हमेशा इस समस्या का सामना करना पड़ेगा। पुरुषों को अधिक यौन शक्ति प्राप्त करने में मदद करने के लिए आयुर्वेदि दवा और घरेलू उपचार हैं।

हिमकॉलिन जेल

यह एक जेल बेस्ड दवा है जो हिमलय द्वारा निर्मित है। इस जेल से पेनिस की मालिश करें।

टेंटेक्स फोर्ट tentex forte

यह हिमालय निर्मित दवाई है जिसकी एक गोली शाम और रात को मिश्री मिले दूध के साथ ले सकते हैं।

लहसुन का उपयोग

लहसुन एंटीसेप्टिक और प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में कार्य करता है। रोजाना कच्चे लहसुन के दो से तीन कली चबाएं। नियमित रूप से कच्चे लहसुन के दो या तीन कली चबाने से यौन नपुंसकता का इलाज करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, पूरे अनाज के साथ तैयार लहसुन की रोटी खाने से स्वस्थ शुक्राणुओं के उत्पादन में मदद मिलती है।

प्याज का रस

प्याज को एक प्रभावी एफ़्रोडायसियाक और सर्वश्रेष्ठ कामेच्छा बढ़ाने वालों में से एक माना जाता है। यह उपाय नींद या अन्य समय,वीर्य के समय से पहले स्खलन, नपुंसकता और अनैच्छिक हानि का इलाज करने में मदद करता है। सफेद प्याज का रस दस मिलीलीटर को शहद पांच मिलीलीटर और घी मिलाकर सुबह और शाम लें। इसे खाली पेट लें।

उरद दाल का प्रयोग

बिना छिलके की उडद दाल, को घी में भून लें। इसे आधे लीटर  दूध में अच्छे से पकाएं। जब दूध आधा रह जाए तो मिश्री मिलाकर खाएं। ऐसा एक महीने तक कर के देखें।

किशमिश

किशमिश का उपयोग कर यौन नपुंसकता और यौन शक्ति की पाने में उपयोगी है। काले किशमिश पानी में धोएं और फिर दूध से उबालें। वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए इन किशमिशों को दूध के साथ खाएं। आपको 30 ग्राम किशमिश के साथ शुरू करने की आवश्यकता है, उसके बाद 200 मिलीलीटर दूध दिन में तीन बार होता है और फिर किशमिश की मात्रा धीरे-धीरे 50 ग्राम तक बढ़ा दी जा सकती है।

अश्वगंधा का प्रयोग

  • अश्वगंधा को भारतीय जीन्सेंग भी कहा जाता है। यह पुरुषों में शुक्राणुओं और प्रजनन क्षमता में सुधार लाती है । भारतीय जीन्सेंग हार्मोन के स्तर को विनियमित करके और आपके कोशिकाओं को स्वस्थ बनाकर काम करती कता है।
  • यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाती है। इसे खाने से तनाव को कम करने में मदद होती है। दोनों कारकों का ईडी लक्षणों पर असर पड़ सकता है।
  • अश्वगंधा रूट पाउडर, एक्सट्रेक्ट और कैप्सूल रूप में उपलब्ध है। इसे प्रभावी होने के लिए, एक उच्च दैनिक खुराक (प्रति दिन 6,000 मिलीग्राम तक) की सिफारिश की जाती है।

सफ़ेद मुस्ली का इस्तेमाल

Safed musli वजारीकरण जड़ी भी है। कुछ शोध से पता चलता है कि यह शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाती है। सुरक्षित मस्ली की सिफारिश की गई दैनिक खुराक प्रति दिन 2 ग्राम है। इसे कैप्सूल या शुद्ध पाउडर रूप में खरीदा जा सकता है।

योग करें

योग के अभ्यास से एकाग्रता, और ध्यान, परिसंचरण में सुधार होता है। इससे तनाव स्तर कम हो जाता है । तनाव-स्तर का कम होना ईडी के लक्षणों में सुधार करता है,। योग टेस्टोस्टेरोन के स्वस्थ स्तर को बढ़ाता है।

कई अध्ययनों ने आयुर्वेदिक औषधीय जड़ी बूटियों की प्रभावशीलता को कंफ़र्म किया है। लेकिन इन जड़ी बूटियों की उचित खुराक और अन्य हर्बल और दवाओं के साथ उनके संभावित इंटरैक्शन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। अन्य जड़ी बूटियों के संयोजन के साथ ईडी का इलाज़ शुरू करने से पहले जड़ी बूटियों के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त करे अथवा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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